हिन्दू धर्म में इस पाठ की महत्ता बहुत अधिक है। सम्पुटित चण्डी पाठ का अनुष्ठान दैवीय स्थल पर ब्राह्मणों द्वारा कराने से पवित्र, शुद्ध वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आत्मा की शुद्धि के साथ ही यह पाठ सभी बुरे ग्रहों का प्रभाव समाप्त कर देता है। यदि, किसी विशेष उद्देश्य से यह पाठ किया जाए तो देवी कृपा से इसका फल अवश्य मिलता है। मासिक शिवरात्रि के दिन इस पाठ के बाद महादेव का दूध से रुद्राभिषेक करने से शिव-शक्ति प्रसन्न होकर इच्छित वरदान देते हैं।